अजीजुद्दीन, मुनाजिर, आसिफ, असलम, शबाब, साकिब, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद....
खैर छोड़िए न काका नाम में क्या रखा है?
संवैधानिक कानून तो सबके लिए बराबर है!
संवैधानिक न्यायपालिका, संवैधानिक कानून के मुताबिक फैसला सुनाती है…
अख़लाक़, पहलु, तबरेज, नासिर, जुनैद आदि हजारों मुसलमानों की निर्मम हत्या करने वाले हुनूद को आज तक संवैधानिक न्यायपालिका ने कोई सज़ा दिया?
खैर, उत्तर प्रदेश के कासगंज में 2018 में जुलूस/यात्रा/हुड़दंग में हुई चंदन गुप्ता की मौत मामले में संवैधानिक न्यायपालिका ने 28 मुसलमानों को दोषी करार दे दिया है और जुम्मे (जनवरी 3, 2025) को संवैधानिक न्यायपालिका सजा भी सुनाएगी…
"संविधान जिंदाबाद, मुताहिदा क़ौमियत जिंदाबाद"
