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गुलब्बो चाचा 🌺🌹🌷🥀

मित्रो, मैंने एक जगह वर्षों पहले पढ़ा था कि इंदिरा गांधी जिस स्कूल में पढ़ती थी उस स्कूल के चार गेट थे छुट्टी के वक़्त चारों गेट पे एक एक गाड़ी मय ड्राइवर्स और दो दो अंगरक्षकों के खड़ी रहती थी...
मालूम नहीं प्रियदर्शिनी का मूड किस गेट से निकलने का हो...
सुनता तो मैं बचपन से ये भी आ रहा हूँ कि नेहरू जी कपड़े ड्राई क्लीन होने को लंदन जाते थे...
खेर ये सिर्फ मैंने सुना है... कितना सच है कितना झूठ मुझे मालूम नहीं...

दिल्ली के उत्तम नगर में एक उत्तरप्रदेश के बेहद बुजुर्ग पंडित ओम प्रकाश कौशिक जी रहते थे। 1985 में जब मैं दिल्ली जॉब के लिए गया तब इन पंडित जी के सम्पर्क में आया। 2008 में करीब 95 वर्ष की अवस्था मे पंडित जी हरिशरण हो गए...

पंडित कौशिक जी नेहरू जी के कार्यालय में टाइपिस्ट हुआ करते थे, अक्सर चर्चाओं में मुझे पंडित जी उस दौर के और नेहरू जी के अनेक किस्से सुनाया करते थे जिनमें एक किस्सा मेरे जेहन के भीतर तक बैठा हुआ आपसे साझा कर रहा हूँ... नेहरू जी जब देश के प्रधानमंत्री थे, हर 2 से 3 घण्टे में अपनी शेरवानी पे लगा गुलाब का फूल बदला करते थे।

भारत सरकार की एक एम्बेसडर कार मय ड्राइवर और 2 स्टाफ के नई दिल्ली के तिलक ब्रीज़ या उसके पास बने बंगाली मार्केट आया करती थी। उस वक़्त तिलक ब्रीज़ से ले के बंगाली मार्केट तक फूल बेंचने वाले बैठा करते थे... एम्बेसडर कार डीजल ड्राइवर स्टाफ और प्रत्ति फूल उस वक़्त यही कोई औसतन 200/= रुपये का खर्चा देश के खजाने से खर्च होता था। यानी रोज़ औसतन 4 गुलाब के फूलों पे 800/= रुपये रोज़ देश के खजाने से खर्च... वो भी उस दौर में जब हमारा मुल्क नया नया आज़ाद हुआ था और हम गरीब मुल्क कहलाते थे। लोगों पे खाने को अन्न तक पूरा नहीं होता था...

एकबार रंगीले चच्चा भोपाल यात्रा पर थे उन्हें सिगरेट की तलब लगी वो भी 555 ब्राण्ड की जो भोपाल में नहीं मिली तो जहाज इंदौर भेजकर मंगाई गई ऐसे सादगी वाले थे रंगीले चच्चा।

राहुल गांधी जी ने कल कोकोकोला मैकडॉनल्ड्स केएफसी फ़ोर्ड जैसी कम्पनियों के उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सवाल देश की जनता के सामने किये...

मैं राहुल गांधी जी के सवालों की कद्र करता हूँ। लोकतांत्रिक मुल्क है हमारा। पक्ष विपक्ष समर्थक विरोधी हर विचारधारा के व्यक्ति को देश के निवर्तमान प्रधानमंत्री से सवाल करने का हक है और सवाल करने भी चाहिए तभी लोकतांत्रिक पद्धति में पारदर्शिता आएगी...

किंतु...

सवाल अगर 10 साल देश चलाने वाले प्रधानमंत्री मोदी से हो सकते हैं तो 60 साल से देश चलाने वालों से सवाल क्यों नहीं हो सकते? खुद राहुल गांधी से देश की जनता क्यों सवाल नहीं कर सकती?...

"राष्ट्रहित सर्वोपरि"
जय हिन्द जय भारत
साभार सोशल मीडिया 👏

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