कभी कोल माइंस में इंजीनियर रहे जगरनाथ राम की जिंदगी खुशियों से भरी हुई थी, लेकिन समय ने ऐसी करवट ली कि उनका पूरा परिवार एक-एक कर उन्हें छोड़ गया। दूसरी शादी के बाद भी वही दर्दनाक कहानी दोहराई गई। जगरनाथ राम ने इस असीम दुख को अपनी ताकत में बदला।
नौकरी छोड़कर, उन्होंने बगहा के भितहा प्रखंड में श्मशान घाट के पास नौगांवा पुल के नीचे बांस का मचान बनाया और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना शुरू कर दिया। आज उनका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
