16 ث - ترجم

अनेककाञ्चनरत्नादि माणिक्यरससिद्धिदाम् ।
इन्द्रादि सुरवृन्दानां साधनैकफलप्रदाम् ।।

अनेककाञ्चनरत्नादि माणिक्यरससिद्धिदाम् ।
इन्द्रादि सुरवृन्दानां साधनैकफलप्रदाम् ।।
विपक्ष कुलसंहारकारणं शरणप्रदम् । शान्तिकं पौष्टिकं चैव वशीकरणमुत्तमम् ॥
मारणोच्चाटनं कर्माकर्षीकरणमुत्तमम् ।समस्तशोकशमनमानन्दविधूदयम् ।।
चतुःसमुद्रपर्यन्तां मेदिनीं साधकोत्तमम् । स्त्रीरत्नकुलसन्दायि पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ॥
महाकाली की पूजा-अनुष्ठान अनेक प्रकार के स्वर्ण-रत्न-लाल मणि आदि एवं सिद्धि को देने वाला, इन्द्रादि देवताओं को भी सिद्धि प्रदान करने वाला, शत्रुकुल का संहारक, पुरुषार्थप्रद, शान्ति एवं पुष्टिकर्मकारी, उत्तम वशीकरण करनेवाला, सर्व शोकापहारक, मारण एवं उच्चाटनसाधक, आकर्षणकारी, आनन्द सागर में भक्त को निमज्जन कराने वाला, सागरसहित पृथ्वी का वशीकरण करने वाला एवं स्त्रीरत्नों और पुत्र-पौत्रों को देने वाला है ।।
कलौ काली कलौ काली, नान्यदेव कलौयुगे
कलौ काली कलौ काली कलौ काली हि केवलम्
कलौ काली कलौ कृष्णः कलौ गोपालकालिका
कलौ काली, कलौ काली, कलौ काली वरप्रदा
कलौ काली प्रकीर्त्तिता
Mahayogi Muni Baba

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