एक पैसे वाला पाकिस्तानी मुस्लिम परिवार डिनर कर रहा है और मैड को केबिन से बाहर बैठाया हुआ है, यह कल की घटना है, माहे रमजान के आखिरी 10 दिन चल रहे हैं, अगर उसे भी खाने की मेज पर बैठा कर कुछ खिला देते तो क्या गरीब हो जाते ?
यह पिक देख कर सोच रहा हूं क्या यह कौम जमीन पर रखने लायक भी है या नही ?
मेरा मानना है अल्लाह चाहे कुछ भी कर ले, मुसलमानों को इंसान नहीं बना सकता । चीन, बर्मा और इजराइल की दवा ही इन्हे इंसान बना सकती है, वैसे मुसलमानों के लिए जिस हिटलर की जरूरत है, कुदरत जल्द ही देगी।
