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बात तो सही है आखिर हम कब सुधरेंगे 🙏👏
एक मुस्लिम लेखिका ने
हिन्दू समाज के लोगों के
गालों पर कैसा करारा थप्पड़ मारा है —
जरा पढिये >>

{1} आपकी विवाहित महिलाओं ने माथे पर पल्लू तो छोड़िये, साड़ी पहनना तक छोड़ दिया, दुपट्टा भी गायब ...?
किसने रोका है उन्हें ...?
हमने तो तुम्हारा अधोपतन नहीं किया ...?
हम मुसलमान तो इसके जिम्मेदार नहीं हैं ...?

{2} तिलक बिंदी तो आपकी पहचान हुआ करती थी न ...?
तुम लोग कोरा मस्तक और सूने कपाल को तो अशुभ, अमंगल और शोकाकुल होने का चिह्न मानते थे न ...?
आप लोगों ने घर से निकलने से पहले तिलक लगाना तो छोड़ा ही, आपकी महिलाओं ने भी आधुनिकता और फैशन के चक्कर में और फॉरवर्ड दिखने की होड़ में माथे पर बिंदी लगाना तक छोड़ दिया, यहाँ मुसलमान कहाँ दोषी हैं ...?

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