एक भी मुस्लिम महिलाए पुरषो के इफ्तार मे शामिल नही है ये सभी के सभी हिंदु महिलाए है जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुस्लिम पुरुषो के इफ्तार में शामिल है। ये आस्था नही राजनीतिक स्वार्थ है।
मुस्लिम समुदाय की महिलाओ को कभी दुर्गा पूजा, नवरात्र, होली और दीपावली मनाते हुए किसी ने देखा है नही बिल्कुल नही क्योकि मुस्लिम महिलाए अपने धर्म के प्रति कट्टर होती है तथा धार्मिक रुप से संस्कारवान और चरित्रवान होती है व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ के लिए भी वे धर्म से समझौता नही करती क्योकि वे ईमानदार होती है। पैसा कमाने और सता की मलाई चाटने के लिए टोपी लगा कर इफ्तार कर रही राजद नेत्री ऋतु जैसवाल की तस्वीर हिंदुओ के मूह पर तमाचा है। गौर करने वाली बात है एक भी मुस्लिम माता और बहन-बेटी सामुहिक इफ्तार मे शामिल नही होती टोपी लगाना दूर की बात। मुस्लिम महिलाओ का धार्मिक चरित्र और संस्कार ही इस्लाम की ताकत है। सता, कुर्सी, पैसा सबसे उपर मुस्लिम महिलाओ के लिए इस्लाम और ईमान है
