#thankyou सुप्रीम कोर्ट, एक के बाद एक ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लिये हैं जिनका देश के लिए दूरगामी महत्व है, उनमें से एक निर्णय जो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के गवर्नर्स से कहा है कि विधानसभा द्वारा पारित विधेयक उनके अनुमोदनार्थ भेजे जाने वाले विधेयकों को उन्हें संविधान के अनुसार ही इंगित समय सीमा तक अपने पास रखने और उन्हें वापस भेजने व पुनः पारित होने पर उस विधेयक को स्वीकार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है। आपको संविधान के एजेंडे के अनुरूप काम करना है न कि केंद्र सरकार राजनीतिक एजेंडे के अनुसार। उच्चतम् न्यायालय का यह निर्णय संघीय ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महान कदम है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2016 में उत्तराखंड की विधानसभा द्वारा पारित विनियोग विधेयक भी लगभग चार माह तक तत्कालीन राज्यपाल महोदय द्वारा कई काल्पनिक परिताओं का सहारा लेकर लटका व भटका दिया गया और हमें दूसरी बार विधानसभा का सत्र बुलाकर विनियोग विधेयक पारित करवाना पड़ा। उत्तराखंड के पास आज भी लोकायुक्त नहीं है, जल परिषद नहीं है। हमारी सरकार द्वारा लिए गये कानून संवत निर्णयों को रोकने में भी तत्कालीन महामहिम की को कू-भूमिका थी।
