5 w - Traducciones

डीएम साहब ने रिपोर्ट जरूर मांगी है, लेकिन होगा कुछ नहीं। हर साल अखबार में ऐसी खबरें छपती हैं ताकि जनता को लगे कि उनके लिए कुछ हो रहा। जनता का ऐसे ही कटता है। स्कूलों की मनमानी महंगी किताबें, ड्रेस और फीस तक ही सीमित नहीं है। राजधानी लखनऊ में कई बड़े स्कूल आरटीई के तहत ग़रीब बच्चों को प्रवेश नहीं देते हैं, और ये वर्षों से चला से चला आ रहा। इन स्कूलों में राज्य के मंत्री, नेता बतौर चीफ गेस्ट शामिल होते रहते हैं, इनके और अधिकारियों के बच्चे पढ़ते हैं। अब जब सैंया ही कोतवाल होंगे डर किस बात की। और ये हाल बस लखनऊ का ही नहीं है, दूसरे जिलों में भी स्थिति यही है। लेकिन स्कूल किसी नेता, बड़े आदमी या अधिकारी का होता है, ऐसे में उन्हें नियम की धज्जियाँ उड़ाने की खुली छूट मिल जाती है। बाक़ी कागजों पर सब ठीक है।

image