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सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पति और पत्नी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति समान है, तो पत्नी को गुजारा भत्ता देने की आवश्यकता नहीं है। यह निर्णय एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें उसने अपने अलग हुए पति से गुजारा भत्ता (ऐलिमनी) मांगा था।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गुजारा भत्ता (Maintenance) का उद्देश्य जरूरतमंद साथी को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, न कि किसी एक पक्ष को अनुचित लाभ देना। यदि पत्नी आर्थिक रूप से स्वतंत्र है और अपनी आवश्यकताओं को खुद पूरा करने में सक्षम है, तो उसे पति से भत्ता लेने का हक नहीं होगा।

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