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"कोई इतना पत्थरदिल कैसे हो सकता है?" - यही सवाल सोशल मीडिया पर हर किसी के दिल में उठ रहा है, हम 21वीं सदी में जरूर जी रहे हैं, लेकिन सोच अब भी कहीं न कहीं पुराने ज़माने में अटकी हुई है।
आज भी बेटा-बेटी में फर्क किया जाता है, और इसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में एक अस्पताल से सामने आया है, जहां एक दंपति ने सिर्फ इसलिए अपनी नवजात बेटी को छोड़ दिया क्योंकि वह लड़की थी। इस दिल को छू जाने वाले मामले को डॉक्टर सुषमा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसका वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। एक मां, एक महिला और एक डॉक्टर के तौर पर सुषमा का दर्द उनकी बातों में साफ झलकता है। यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई हम बदल पाए हैं?

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