सरकार गाँवों को बर्बाद करने पर तुली है. खेती बदहाल है, पेंशन बंद हो रही है और फौज की नौकरी भी चार साल की हो गई है.
गाँवों में पैसा इन्हीं रास्तों से पहुँचता था लेकिन सरकार ये सारे रास्ते बंद कर रही है.
अभी गाँव-देहात के लोग हिंदू-मुसलमान की बहस में उलझे हुए हैं…जब तक वो सरकार की साज़िश को समझेंगे, बहुत देर हो चुकी होगी.
