जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
भूले तो नहीं हैं.. दुर्गा शक्ति नागपाल को..??
“ज्यादा पुरानी नही सन् 2013 की बात है”
जिहादी “आजम खान” के नेतृत्व में अखिलेश यादव की सरकार ने पूरे उत्तर प्रदेश को शर्मसार कर दिया था.!
दुर्गा शक्ति नागपाल (IAS) ने गौतमबुद्ध नगर जिले में उस समय के समाजवादी खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ने की गलती कर बैठीं।
फिर उसके साथ जो हुआ सुनकर मानवता पर से विश्वास उठ जाएगी।
अखिलेश यादव ने बेचारी को सस्पैंड कर दिया था क्योंकि सपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही थीं।
यूपी तो छोड़ो, सारे देश में बवाल मचा था।
IAS ऐसोसियेशन, IPS ऐसोसियेशन, चीफ सेक्रेटरी, हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट, और खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हस्तक्षेप किया।
मगर अखिलेश यादव ने उस महिला IAS अधिकारी का सस्पेंशन Revoke करने बजाय, उसे चार्जशीट दे दिया।
इस पूरे प्रकरण मे गौर करने वाली बात ये थी कि ग्रेटर नोएडा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रविकांत ने खुद मामले की जाँच करके रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें उन्होने बाकायदा लिखा था कि दुर्गा शक्ति नागपाल ने मस्जिद की दीवार गिराना तो दूर की बात है, वहाँ अभी तक कोई दीवार बनी ही नही थी।
वहाँ केवल कथित मस्जिद बनाने के लिए नींव खोदी जा रही थी, क्योंकि वो जगह सरकारी थी, और सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार किसी भी सरकारी जमीन पर कब्जा करना और उस पर धर्म स्थल बनाना अवैध है।
इसीलिए दुर्गा शक्ति नागपाल पर दीवार गिराने का आरोप लगाना ही गलत है।
दुर्गा शक्ति नागपाल ने केवल सरकारी जमीन पर धर्म स्थल बनाने का प्रयास कर रहे लोगों को मात्र चेतावनी दी थी।
अखिलेश यादव के वोट बैंक और अखिलेश के खनन माफियाओं से पंगा ले लिया था दुर्गा शक्ति नागपाल जी ने.
