कसम करके कहता हूं मै इसको पहले भी नहीं सुनता था न कभी भविष्य में सुनूंगा इनके लिए हमारी सेना गोली खाने को तैयार रहती है सीमाओं पर शहीद होते हैं हमारे सैनिक दिन रात खड़े हैं देश इसके लिए कुछ नहीं इसको इश्क लड़ाना है बॉर्डर सिर्फ सैनिकों के लिए ही हैं क्या उन्होंने क्या ठेका ले रखा है ऐसी बंदों की हिफाजत का राष्ट्रों से आगे सोचने की बात कर रहा है पुरखों में कुर्बानी दी थी अपनी आने वाली नस्लों के लिए लेकिन उनको क्या पता था ऐसी नस्लें होंगी
