आज ‘गुरु पूर्णिमा’ के पवित्र अवसर पर अपने पुण्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ।
उन्होंने अपने ज्ञान, उपदेश और आध्यात्मिक मार्गदर्शन से मेरे जीवन को प्रकाशमान किया है। उनके आशीर्वाद और सान्निध्य से मुझे सेवा और साधना का मार्ग प्राप्त हुआ। मैं हृदय से उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ और सदैव उनके दिखाए पथ पर चलने का संकल्प करता हूँ। गुरु ही जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने वाले सेतु होते हैं। ऐसे महान सद्गुरु के चरणों में बारंबार वंदन।
