13 ث - ترجم

मन भावन, अतिपावन,ये सावन आया है
धरा , व्योम में फिर से घनघोर महोत्सव छाया है।
हर हर, बम बम, बम बम,हर हर तिनका तिनका बोले है
कंकर कंकर रम गए शंकर,दिल में बस गए भोले है
सावन आने की आस बढ़े,तेरे भक्तो का विश्वास बढ़े
भांग,धतूरा और बेलपत्र मंदिर में तेरे खूब चढ़े
मैं अज्ञानी,अबोध शिव मुझ पर भी उपकार करो
दर्शन देकर हे आशुतोष मुझे भवसागर के पार करो
जय नीलकंठ,जय महादेव,जयमहाकाल, जय शिव शंकर
तुम कृपा जरा मुझ पर कर दो,मैं भी आऊं कावड़ लेकर
तेरा नाम जपें,तेरा ध्यान धरें,तेरी महिमा का गुणगान करे
तेरी दयादृष्टि जब हो जाए, तू हर मुश्किल आसान करे
तेरे चरण शरण में पड़ा रहूं , मैं नमन करूं बस नाथ तुझे
तेरे दर के सिवा न शीश झुके, बस इतना दो आशीष मुझे
-दीपक शुक्ला 🌟💫🌈🎉🙏

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