भूख क्या होती है,
ये उनसे पूछिए जो ग़ज़ा की टूटी दीवारों और मलबों में एक वक़्त की रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
कई दिनों की भूख के बाद, जब एक मजबूर पिता अपने बच्चों के लिए आटे का एक छोटा सा पैकेट लेकर घर आता है…
तो वो पैकेट नहीं, बच्चों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता।
सभी भाई-बहन खुशी से झूम उठते हैं...
वो पल आंखें नम कर देता है।
अल्लाह हम सब पर रहम करे, और किसी बच्चे को भूखा ना सुलाए... आमीन 🤲🏻"