अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश की सबसे बड़ी कुर्सी यानी प्रधानमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ और राहुल गांधी के बीच चयन करना हो, तो दोनों नेताओं की योग्यता, नेतृत्व शैली और जनता में उनकी स्वीकार्यता का विश्लेषण जरूरी है।
योगी आदित्यनाथ की पहचान एक सख्त प्रशासक और अनुशासनप्रिय नेता के रूप में है। यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और विकास के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए हैं। उनकी छवि एक ऐसे नेता की है, जो बिना किसी दबाव के निर्णय लेते हैं और अपने एजेंडे पर अडिग रहते हैं।
योगी का नेतृत्व हिंदू सांस्कृतिक मूल्यों और आधुनिक प्रशासन का अनूठा मेल है। उन्होंने यूपी में माफिया राज पर कड़ा प्रहार किया, पुलिस व्यवस्था को तकनीकी रूप से मजबूत किया और विकास कार्यों में तेजी लाई। उनकी नीतियां अक्सर निर्णायक और स्पष्ट रही हैं, जिससे वे देशभर में मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं।
