6 w - Vertalen

अरे मान्यवर थोड़ी भी लज्जा नहीं आ रही हैं मौलाना को जेल भेजवाओ कौन रोक रहा हैं , शर्म आनी चाहिए दिहाड़ी मजदूरी करते करते ये भूल चुके हो बंधु लिखना क्या हैं बोलना क्या हैं ?

खैर उम्मीद क्या ही की जा सकती हैं जिन्होंने एक दलित मुख्यमंत्री की आबरू में हाथ डाल दिया था उनके लिए तो सामान्य हैं ये सब , लेकिन तब भी हम निर्लज्जों से लड़े थे अब भी लड़ेंगे चाहे वो मायावती जी की बात हो या डिम्पल यादव जी की ..

भगवान तुमको सतबुद्धि दें ।

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