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-------#न्याय_यात्रा (पार्ट 6)-----------
उत्तरकाशी में एक उद्देश्य पूर्ण दिन बिताने के बाद रात अच्छी नींद आई। सुबह उत्तरकाशी के आतिथ्य के अनुरूप बहुत कुछ खाने को मिला। प्रातः से ही मन में भगवान विश्वनाथ जी के दर्शन की उत्सुकता बनी हुई थी। मंदिर के मुख्य पुजारी महंत अजय पुरी जी से भेंट कर उनके सानिध्य में भगवान शिव के विश्वनाथ स्वरूप का जलाभिषेक किया। चारधाम यात्रा को लेकर पुरोहितगणों में बड़ी उत्सुकतापूर्ण नाराजगी थी। पिछले वर्ष की यात्रा अनुभव से दुखी थे। हमने यात्रा की तैयारी को लेकर काफी बातें की। सुझाव आया कि यात्रा के प्रथम पड़ाव, पहाड़ों में स्थित नगर जैसे उत्तरकाशी जैसे स्थान में होने चाहिए। उनका तर्क था कि राज्य के मैदान में प्रथम पड़ाव होने से यात्री सीधे आ रहा है, दर्शन कर लौट जा रहा है। व्यापार संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र अरोड़ा जी, चारधाम यात्रा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत अजय पुरी जी की ऑनलाइन बुकिंग को लेकर काफी शिकायतें थी। मैंने उनके सुझावों को अपनी फेसबुक लाइव द्वारा ध्वनि देकर संबंधितों तक पहुंचाने का प्रयास भी किया। मंदिर में कुछ दूसरे प्रांतों महाराष्ट्र व गुजरात से आए श्रद्धालुओं से भी भेंट हुई। यहां अच्छी संख्या में झंडा लेकर कांग्रेसजन पहुंच गए थे। एआईसीसी के आवाहन् पर देश व्यापी विरोध प्रदर्शन की कड़ी में हमने भी बाजार में नारों के साथ जुलूस निकाला व बाजार के मुख्य चौराहे पर पुतला दहन किया। यही से हमारा कारवां डुंडा, चिनियालीसौड़,

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