वन्दे वाञ्चितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरं।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
अर्थात~ जो देवी इच्छाओं को पूरा करती हैं, जिनके सिर पर अर्धचंद्र सुशोभित है, जो वृषभ पर विराजमान हैं, जिनके हाथ में शूल (त्रिशूल) है और जो यशस्विनी हैं, हम उनकी वंदना करते हैं..!!
शारदीय नवरात्रि की आप सभी को बहुत सारी शुभकामनाएं व बधाई.