#नकल और #भाजपा का रिश्ता प्रगाढ़ होता जा रहा है। हर भर्ती के पीछे पेपर लीक में नकल करवाने में कहीं न कहीं भाजपा की झुंडली-मंडली का नाम आया है। हाकम सिंह तो खैर हाकम ही रहे नकल के, भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष धारीवाल भी इसी काम में लगे थे और अब भाजपा के एक प्रवक्ता का नाम भी आ रहा है।
कैसी विडंबना है कि #पेपर_लीक करवाने के लिए डिटरमाइंड खालिद जिस कक्ष में बैठा था, वहीं जैमर क्यों नहीं था?
क्या उस कमरे में बैठने वाले लोगों की #चेकिंग भी नहीं हुई कि खालिद मोबाइल लेकर कक्षा में पहुंच गया, इसका जिम्मेदार कौन?
यह साधारण संकेत नहीं है। सरकार इस नकल के कुप्रयास को एक व्यक्ति तक सीमित करने का प्रयास कर रही है और बेरोजगार नौजवानों के मन में गंभीर आशंका है।
#मुख्यमंत्री जी के साथ उनकी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। खुले आसमान के नीचे धरने पर हैं उनके #सवालों का समाधान तो देना पड़ेगा। इस अपराध को जितना सामान्य अपराध सिद्ध करने का प्रयास होगा, उतना ही नौजवानों का संदेह बढ़ता जाएगा।
मैं यह कैसे भूल सकता हूं कि मैं एक राजनीतिक व्यक्ति के साथ-साथ एक अभिभावक भी हूं। यदि #नौजवान खुले आसमान के नीचे ऐसे ही बैठे रहेंगे तो फिर #मुझे भी कहीं न कहीं, किसी न किसी चौराहे पर उन्हीं की तरीके से खुले आसमान के नीचे #रात बितानी पड़ेगी।
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Pushkar Singh Dhami