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कई कांग्रेसी नेताओं की वॉल पर घूम रही यह तस्वीर देखी — जिसमें दावा किया जा रहा है कि “80 के दशक में राजीव गांधी जी विमान में लैपटॉप पर जरूरी फाइल निपटा रहे थे, जबकि मोदी जी आज भी कागजों पर फाइल देखते हैं।”
अब जरा तथ्यों की पड़ताल करिए:
1. 80 का दशक और इंटरनेट
उस दौर में भारत के सरकारी दफ़्तरों में इंटरनेट नाम की कोई चीज़ ही मौजूद नहीं थी।
2. वाई-फाई का आविष्कार
80 के दशक में वाई-फाई का जन्म ही नहीं हुआ था, तो विमान में इंटरनेट चलाना तो दूर की बात रही।
3. विमान में इंटरनेट तकनीक
ऊँचाई पर उड़ते विमान में इंटरनेट इस्तेमाल करने की तकनीक दुनिया में बहुत बाद में विकसित हुई।
4. भारत में कंप्यूटराइजेशन
80 के दशक में कुछ चुनिंदा सरकारी कार्यालयों में ही कंप्यूटर का इस्तेमाल शुरू हुआ था, वो भी सीमित रूप से। इंटरनेट तो लगभग नगण्य था।
👉 अब बड़ा सवाल:
तो आखिर राजीव गांधी 10,000 फीट की ऊँचाई पर उस लैपटॉप में क्या "निपटा" रहे थे?
क्या वह सिर्फ दिखावा था?
या फिर आज की तरह कांग्रेस की आईटी सेल वाली फोटोशॉप स्किल तब भी सक्रिय थी?
80 के दशक में 10000 फ़ीट की ऊंचाई पर राजीव जी लैपटॉप पर मुगले आज़म तो देख नहीं रहे होंगे।
जरुर विदेशी आधुनिकता को बारीकी से देख रहें होंगे...🧐😂🤣
मोदी है तो मुमकिन है 🔥❤️

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