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देश में युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और आज हम बात कर रहे हैं जाह्नवी पंवार की—जो सिर्फ 21 साल की उम्र में इतिहास रचने में कामयाब रही हैं। उन्होंने IT दिल्ली में PhD प्रोग्राम में प्रवेश लेकर यह साबित कर दिया कि अगर लगन, मेहनत और दृढ़ संकल्प हो तो उम्र सिर्फ एक संख्या भर है।
जाह्नवी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और दोस्तों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा भी है। इतनी कम उम्र में उच्च शिक्षा के इस स्तर तक पहुँचना और शोध के क्षेत्र में अपना कदम रखना आसान नहीं है। यह वह मिसाल है जो हर युवा को यह सिखाती है कि सपनों को छोटा मत समझो और अपनी मेहनत में विश्वास रखो।
फिर भी, इस महान उपलब्धि को उचित सराहना नहीं मिली। सोशल मीडिया पर या आस-पास के लोगों ने उन्हें बधाई देने में कंजूसी दिखाई। लेकिन असली प्रेरणा वह होती है जो बिना शोर-शराबे के कामयाबी हासिल करती है।

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