झौलवी और फातिमा का रिश्ता तय हो रहा था...
वहाँ #पल्टन_कबाड़ी भी मौजूद था...
पल्टन कबाड़ी ने मौका पा कर धीरे से झौलवी के कान में कहा "अबे किसे बेग़म बनाने जा रिया है.... एक नंबर की टैक्सी है... पूरा गाँव सवारी कर चुका.."
झौलवी ने मुस्कुराते हुए कहा "अबे कबाड़ी छोटा सा तो गाँव है ये.... कितनी चली होगी.. अब तो खाली में ही चलाऊंगा न"
खैर..... फातिमा को बेग़म बन झौलवी के साथ रहते दो साल बीत गए...
फ़िर एक दिन लड्डन की झौलवी से मुलाक़ात हुईं तो पल्टन ने कहा "अबे झौलवी... तेरी बेग़म तो अब भी टैक्सी की तरह चलती है... तू फ़िर भी इसको रखे है.... लानत है ऐसे रिश्ते पर"
झौलवी ने लम्बी सांस ले कहा "अबे कबाड़ी ये क्या कम है कि मुझे भाड़ा न देना पड़ता.... सवारी मुफ्त करता हूँ".
देखा झौलवी कितना पॉज़िटिव आदमी है 😊