एक इलेक्ट्रिशियन का बेटा, जिसके पास अपना बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे।
कोच ने मदद की, माँ ने कई बार पेट आधा खाली रखकर बेटे का सपना ज़िंदा रखा।
रोज़ 40 किमी सफर करके मैदान पहुँचना… यही था उसका संघर्ष।
आज वही बच्चा हैदराबाद का तिलक वर्मा
IPL से लेकर टीम इंडिया तक, हर जगह अपने बल्ले से कहानी लिख रहा है।
ये कहानी याद दिलाती है – हालात कितने भी कठिन हों, अगर जुनून सच्चा हो तो सपने ज़रूर पूरे होते हैं।
जीत की बहुत+बहुत बधाई टीम इंडिया