*न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्मसङ्गिनाम्।जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्तः समाचरन्॥*
हिंदी अनुवाद: जो अज्ञानी लोग कर्म में आसक्त हैं, उनके मन में भ्रम उत्पन्न न करें। ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि वह स्वयं कर्म में संलग्न रहते हुए उन्हें भी कर्म करने के लिए प्रेरित करे।
*जय वीर हनुमान,जय श्री कृष्ण,श्री शिवाय नमस्तुभ्यम्*
