2 w - çevirmek

आज मेरे पिता पंडित लख्मीचंद की पुण्यतिथि मेरे पिता एक शक्तिशाली पुरुष थे लंबे चौड़े धोती कुर्ता पहनकर जूती पहन कर जब निकलते थे लोग देखते थे कि कौन आ रहा है शुद्ध आत्मा के बंदे थे वह बहुत दयालु थे यदि उनकी जेब में 100 रूपए भी हुए और कोई मांगने वाला आ गया कि मुझे 100 रुपए की जरूरत है वह निकाल कर दे देते थे यह नहीं देखते थे कि अब मेरी जेब खाली हो गई लोगों के दुख सुख में खड़े हो जाते थे ऐसे थे हमारे पिताजी हम नमन करते हैं#pawan Sharma pahlwan #sharmapahalwan #pawan Sharma

image