ख्वाहिशें : –
क्या होती है ख्वाहिशें,ये चाहिए वो चाहिए....
क्या वास्तव में हमें वो सब चाहिए जिनकी ख्वाइश करते है हम...
क्या सच में हमें उसकी जरूरत है,या फिर हम अपने आस पास वालो को दिखाना चाहते है...!!
गौर कीजियेगा..
की हमारी आधी से ज्यादा ख्वाहिशें हमारा अहंकार होता है जो हम दुनिया को दिखाना चाहते है,....
सोचिए इस दुनिया में केवल आप होते तो क्या इतनी ख्वाहिशें होती,इसलिए ख्वाहिशों के पीछे पागल मत बनिए,जरूरत को पकड़ के सुकून की तलाश कीजिए....
और फिर देखिएगा यह दुनिया कितनी खूबसूरत है..!!