गोधुलि की बेला में
सड़क पार करते हम
और मेरे हाथों को
अनायास थामते तुम
थकी हुई सी आँखों पर
शीतल कपास के
फ़ाहे रखते तुम
रिश्तों नातों की भीड़ में
मुझे पल पल निहारते तुम
किश्तों में मिलते हैं जब
तुम्हारे ये मौन से #स्पर्श
तुम पर मरती मैं
और मुझमें जीते... तुम
#नीलम