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जब देश को ज़रूरत थी, आप हिम्मत बनकर सामने आईं। आपने ऐसे फ़ैसले लिए, जिन्हें इतिहास ने रुककर देखा, और क़ुर्बानी ऐसी कि पीढ़ियाँ याद रखें।

इंदिरा गाँधी जी को कोटि- कोटि प्रणाम।

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