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मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान श्रीराम और जनकपुत्री माँ जानकी का विवाह हुआ है।
इस दिन ॐ जानकीवल्लभाय नमः मन्त्र का जाप कर, इस पावन दिन सभी को राम-सीता की आराधना करते हुए अपने सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रभु से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि का प्रारंभ 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, विवाह पंचमी 25 नवंबर को ही मनाई जाएगी।
इस दिन संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है, विवाह पञ्चमी के दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है।
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