पिता के साथ मारपीट हुई…घर भी जला दिया गया लेकिन दुनिया चुप रही। किसान का बेटा बेबस होकर देखता रहा कि कैसे उसे और उसके परिवार को झूठे केस के बोझ तले दबाया गया। पिता का दर्द मिटाने के लिए बस अधिकारी बनना ही उसका सपना था। इसलिए MPPSC का एग्जाम दिया। बेटा जब DSP बनकर लौटा तो मानो सभी घावों पर मरहम सी लग गई। इसी नवंबर में MPPSC का परिणाम आया, जिसमें 12वीं रैंक हासिल करके जैनेंद्र कुमार निगम अब डीएसपी बन गए हैं।
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