16 часы - перевести

📅 जन्म - 9 मई 1540
🕯️ मृत्यु - 19 जनवरी 1597

इतिहास साफ़ दिखाता है कि कौन आक्रांता था और कौन अपने धरती-धाम, स्वाभिमान और अस्मिता के लिए खड़ा रहा।
लेकिन… आजकल लगता है कुछ नेताओं को यह बुनियादी फर्क भी याद दिलाना पड़ रहा है।

राजनाथ जी तो जैसे रोज़ संघ की पाठशाला में हाजिरी लगाकर नया “इतिहास ज्ञान” लेकर लौटते हैं।
कभी बयान ऐसे, जैसे हमेशा से वहीं के टॉपर रहे हों!
पर जनता सब देख रही है - कौन इतिहास समझ रहा है, और कौन इतिहास को “समझाया” जा रहा है।

ये देश महापुरुषों की धरती है, और उनके संघर्ष को राजनीतिक मोड़ देना…
वो भी सत्ता के लिए -
इतिहास नहीं, सिर्फ़ हाजिरी की राजनीति कहलाती है।

image