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यह सिर्फ़ एक आविष्कार नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए एक क्रांति है! मिलिए प्रोफ़ेसर सतीश कुमार से, जिन्होंने प्लास्टिक कचरे को एक क़ीमती संसाधन में बदल दिया है। 🌍🔥
🔍 विवरण:
हैदराबाद (तेलंगाना) के प्रोफ़ेसर सतीश कुमार (Professor Satish Kumar) ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसके ज़रिए इस्तेमाल किए हुए प्लास्टिक (Polythene, PET Bottles) को हाई-क्वालिटी फ्यूल (पेट्रोल/डीजल) में बदला जा सकता है।
* बड़ा योगदान: 2016 में शुरू करके, उन्होंने और उनकी टीम ने अब तक 50 टन (Tonnes) से भी ज़्यादा प्लास्टिक को सफलतापूर्वक ईंधन में बदल दिया है। यह एक असाधारण प्रयास है, जो हमारे शहरों को प्लास्टिक के ढेर से मुक्त करने में मदद कर रहा है।
* कैसे काम करता है?: यह प्रक्रिया पायरोलिसिस (Pyrolysis) पर आधारित है, जहाँ प्लास्टिक को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे यह हाइड्रोकार्बन ईंधन में टूट जाता है।
💡 संदेश/निष्कर्ष:
प्रोफ़ेसर सतीश कुमार का यह इनोवेशन न केवल प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या का समाधान करता है, बल्कि भविष्य के लिए ऊर्जा (Energy) का एक टिकाऊ स्रोत भी प्रदान करता है।
विज्ञान और समर्पण की शक्ति को सलाम! 👏
❓ सवाल (Engagement के लिए):
आपके शहर में प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए कौन सा कदम उठाया जाना चाहिए? प्रोफ़ेसर के इस आविष्कार के बारे में आपके क्या विचार हैं? कमेंट्स में बताएं! 👇#प्रोफेसरसतीशकुमार #प्लास्टिकसेपेट्रोल #प्लास्टिकप्रदूषण #पर्यावरणसुरक्षा #विज्ञानऔरतकनीक #भारतीयइनोवेशन #मेकइनइंडिया #हैदराबाद #ईंधन #प्रेरणादायक #facebookpostidea

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