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क्या आपने कभी सोचा है कि जो लोग बोल या सुन नहीं सकते, उनके लिए रोज़मर्रा की ज़िंदगी कितनी मुश्किल होती होगी?
इंजीनियरिंग छात्रा प्रियांजलि गुप्ता ने सिर्फ़ इस बारे में सोचा ही नहीं, बल्कि इसका समाधान भी खोज निकाला।
साल 2022 में उन्होंने एक ऐसा AI मॉडल तैयार किया, जो साइन लैंग्वेज को पहचानकर समझ सकता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर उभरी है, जो इशारों की भाषा के सहारे दुनिया से संवाद करते हैं।
प्रियांजलि ने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु से पढ़ाई की है। जब एक बार वह दिल्ली में अपने घर आईं, तो उनकी मां ने कहा
“आजकल हर कोई कुछ इनोवेशन कर रहा है, तुम भी इंजीनियर हो, कुछ नया क्यों नहीं करती?”
यहीं से एक बड़े विचार ने जन्म लिया।
उन्होंने देखा कि घर में मौजूद Alexa जैसे AI डिवाइस सिर्फ आवाज़ से काम करते हैं, लेकिन जो लोग बोल नहीं सकते, उनके लिए ये बेकार हैं। यहीं से उन्हें ऐसा AI बनाने का विचार आया, जो साइन लैंग्वेज को समझ सके।
यह AI मॉडल
Hello, Thank You, Please, Yes, No और I Love You
जैसे छह ज़रूरी इशारों को पहचान सकता है। यह TensorFlow Object Detection API पर आधारित है और कैमरे के ज़रिए साइन लैंग्वेज पहचानकर प्रतिक्रिया देता है।
यह सिर्फ एक इनोवेशन नहीं, बल्कि संवेदना, तकनीक और समर्पण का संगम है, जो यह दिखाता है कि सही सोच और सच्चे इरादे से दुनिया बदली जा सकती है।
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