अपनी बेटी के लिए एक मां किस हद तक जा सकती है वो आपको इस माँ से पता चल जाएगा जो अपनी इकलौती बेटी को सुरक्षित बड़ा करने के लिए अपने जीवन के पूरे 36 साल तक खुद को पुरुष बनाकर जिया।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में रहने वाली पेचियम्मल की 20 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। शादी के 15 दिन ही बीते थे कि उनके पति की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई। इसके नौ महीने बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया।
पति की मौत होने के कारण उनको अपना और बेटी का पेट पालने के लिए काम करना पड़ता था जिसके लिए वह बाहर जाती थीं। विधवा होने के कारण उन्हें नौकरी की तलाश में लगातार छेड़छाड़, शोषण और असुरक्षा का शिकार होना पड़ता था।