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माँ #बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या मानी जाती हैं। इन्हें स्तम्भन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी कहा गया है। शत्रु की वाणी, विचार, क्रिया और अहंकार को रोक देना—यही माँ बगलामुखी की मूल शक्ति है। पीतवर्ण, पीत वस्त्र, पीत आसन और पीत तेज इनके स्वरूप की पहचान हैं।
बगलामुखी कौन हैं और किसका अवतार हैं
माँ बगलामुखी को आदिशक्ति पार्वती का उग्र-रहस्यमय स्वरूप माना गया है। देवी भागवत, तंत्र चूड़ामणि और रुद्रयामल जैसे ग्रंथों में वर्णन आता है कि जब सृष्टि में अराजकता और विनाश की स्थिति उत्पन्न हुई, तब माँ ने ब्रह्मास्त्र रूपी प्रलयकारी शक्ति को स्तम्भित करने के लिए अवतार लिया। इस कारण इन्हें स्तम्भन महाविद्या कहा जाता है।

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