22 hrs - Translate

श्री कृष्ण जी की वंशावली को शास्त्रीय परंपरा (हरिवंश पुराण, भागवत पुराण, महाभारत) के आधार पर स्पष्ट, क्रमबद्ध और पूर्ण रूप में प्रस्तुत किया गया है।
🌿 श्री कृष्ण जी की वंशावली (यदुवंश)
🔱 1. मूल वंश
चन्द्रदेव

बुध

पुरूरवा

आयु

नहुष

ययाति
🔱 2. यदुवंश की स्थापना
राजा ययाति
पुत्र: यदु (इन्हीं से यदुवंश चला)
🔱 3. यदु से वृष्णि वंश
यदु

सहस्रजित

शतजित

हैहय

धर्मनेत्र

कुन्ति

वृष्णि (वृष्णि वंश की स्थापना)
🔱 4. वृष्णि वंश → यादव वंश
वृष्णि

अंधक

देवक

उग्रसेन
पुत्र: कंस
🔱 5. श्री कृष्ण जी के माता-पिता
उग्रसेन

देवक
पुत्री: देवकी
शूरसेन
पुत्र: वसुदेव
👉 वसुदेव + देवकी = श्री कृष्ण
🌸 श्री कृष्ण जी की संतानें
🔱 प्रमुख पुत्र
प्रद्युम्न (रुक्मिणी के पुत्र)
सांब (जाम्बवती के पुत्र)
अनिरुद्ध (प्रद्युम्न के पुत्र)
👉 शास्त्रों में श्री कृष्ण के 16,108 पुत्र बताए गए हैं।
🌸 श्री कृष्ण जी के पौत्र
अनिरुद्ध
विवाह: उषा
वंश आगे चला
🕉️ संक्षिप्त वंश क्रम (लाइन फॉर्मेट)
चन्द्र → बुध → पुरूरवा → आयु → नहुष → ययाति → यदु → वृष्णि → अंधक → देवक → उग्रसेन → देवकी → श्री कृष्ण
✨ विशेष तथ्य
श्री कृष्ण यदुवंशी क्षत्रिय थे।
उनका वंश चन्द्रवंश से संबंधित है।
महाभारत काल में यादव वंश अत्यंत शक्तिशाली था
अगर जानकारी में किसी को भी प्रकार कि त्रुटि हुई है तो उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी है l
मेरा मानना है l कि कृष्ण जी सबके है l और उन्हें जाती में कोई नहीं बांध सकता है l
#jaishreekrishna #socialmedia

image