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राष्ट्रपति भवन की गैलरी में एक लंबे कालखंड तक औपनिवेशिक सत्ता के प्रतीक ब्रिटिश सैनिकों के चित्र स्थापित रहे। आज उसी ऐतिहासिक परिसर में माँ भारती के परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र देश के शौर्य, बलिदान और स्वाभिमान की अमर गाथा कहते हैं। परमवीर दीर्घा का निर्माण गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और भारत की आत्मा व उसके सच्चे नायकों से जुड़ने का सशक्त संकल्प है। कुछ साल पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कई द्वीपों के नाम भी परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे हैं।
यह परिवर्तन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के दूरदर्शी नेतृत्व में संभव हुआ है, जहाँ भारत अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए आत्मसम्मान और शौर्य के साथ भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
जय हिन्द!

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