महाराष्ट्र के नासिक जिले के मटोरी गांव की संगीता पिंगले ने साबित कर दिया कि हौसले के आगे हालात हार जाते हैं। पति, बेटे और ससुर के निधन के बाद उन्होंने अकेले 13 एकड़ खेती की जिम्मेदारी संभाली।
रिश्तेदारों और समाज के तानों के बावजूद संगीता ने हार नहीं मानी। सोना गिरवी रखकर लोन लिया, खुद ट्रैक्टर चलाना सीखा और आधुनिक तकनीकों से खेती शुरू की।
विज्ञान स्नातक संगीता ने पहले टमाटर और फिर अंगूर की खेती की, जिसका उत्पादन सालाना 800–1000 टन तक पहुँचा। इससे उन्होंने 25–30 लाख रुपये की कमाई की। आज वे अपनी फसल को विदेशों में निर्यात करने की तैयारी कर रही हैं।
संगीता की कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को सच करना चाहती है।
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