मैं साध्वी हूं ,ये मैंने तो नहीं कहा। भगवा वस्त्र पहनने मात्र से क्या कोई साधु अथवा साध्वी हो जाता है? संन्यास की कठिन प्रक्रिया और परंपरा है, जिससे अपनाना आसान नहीं होता। अभी मैं उस मार्ग पर चलने के योग्य नहीं हूं। यह कहना है मेकअप आर्टिस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता व इंटरनेट मीडिया इंफ्लूएंसर हर्षा रिझारिया का। महाकुंभ-2025 में सुंदर साध्वी के रूप में विख्यात हुईं हर्षा इन दिनों युवाओं को नशा से मुक्त करने का अभियान चला रही हैं। सर्वांगीण समृद्धि समाज उत्थान समिति के बैनर तले हर्षा 27 दिसंबर को श्रीकटरा रामलीला कमेटी प्रांगण प्रयागराज से बड़े अभियान का शुभारंभ करेंगी। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने विवाह करने से इन्कार नहीं किया, न स्वयं के साध्वी बनने पर। बोलीं, भविष्य में कुछ भी हो सकता है, लेकिन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार से खुद को कभी अलग नहीं करेंगी। उनके जीवन का यही ध्येय है।
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