अंकित पाल एकादश ने जीता हॉकी टेस्ट सीरीज का फाइनल
होनहार दर्पण हॉकी फीडर सेण्टर की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाएं
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। पहला खेल गुरु और पहला क्रीड़ांगन किसी खिलाड़ी के जीवन का न बिसरने वाला लम्हा होते हैं। हर कोच पहले दिन से ही अपने शिष्य को सफलता के शिखर पर पहुंचाने प्राणपण से जुट जाता है। जब उसका शिष्य सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है तो सबसे अधिक खुशी उसे ही होती है। समय बदल चुका है, अब सफल शिष्य को पहला गुरु याद नहीं रहता। यह खुशी की बात है कि ग्वालियर के हॉकी सितारे को वह माटी और गुरु याद है, जिसने उसमें जीत का जोश, जुनून और जज्बा भरा।

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