बरेली से सामने आई यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करने वाली है। शादी शुरू होने से ठीक पहले एक दुल्हन ने वह कदम उठाया, जिसे बहुत लोग लेने की हिम्मत नहीं कर पाते। दहेज की मांग को लेकर उसने विवाह से साफ इंकार कर दिया और पूरे समारोह में मौजूद लोगों को चौंका दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दूल्हे ने ₹20 लाख नकद और एक ब्रेज़ा कार की मांग रखी थी। आरोप है कि मांग पूरी न होने पर दूल्हे और उसके परिजनों ने मेहमानों के सामने दुल्हन के पिता और भाई का अपमान किया और स्पष्ट कहा कि शर्तें माने बिना शादी नहीं होगी। माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह प्रेरणादायक था।
दुल्हन ने दबाव, सामाजिक डर और भावनात्मक ब्लैकमेल के आगे झुकने के बजाय आत्मसम्मान को चुना। शांति और दृढ़ता के साथ उसने शादी रद्द करने का फैसला लिया। उसका कहना था कि वह ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन नहीं बिता सकती जो दहेज को अधिकार समझे और उसके परिवार के सम्मान को ठेस पहुंचाए।
उसने साफ संदेश दिया कि माता-पिता का सम्मान किसी भी रिश्ते से ऊपर है और लालच पर टिका विवाह स्वीकार्य नहीं। इस फैसले की सोशल मीडिया पर व्यापक सराहना हो रही है। लोग इसे साहस, आत्मसम्मान और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बता रहे हैं।
आज भी जब दहेज प्रथा कई परिवारों को तोड़ देती है, बरेली की यह घटना समाज के लिए एक मजबूत संदेश बन गई है—कि गरिमा और सम्मान के साथ लिया गया निर्णय ही सच्ची जीत है।

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