16 horas - Traduzir

जय जगन्नाथ 🙏
🌸 भगवान जगन्नाथ के हाथ-पैर क्यों नहीं हैं? 🌸
भगवान जगन्नाथ का रूप हमें एक गहरा आध्यात्मिक संदेश देता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब राजा इन्द्रद्युम्न के समय भगवान की मूर्ति का निर्माण हो रहा था, तभी नियम भंग होने से निर्माण अधूरा रह गया। उसी अधूरे रूप में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी विराजमान हो गए।
लेकिन यह अधूरापन नहीं, बल्कि पूर्णता का प्रतीक है।
भगवान जगन्नाथ सिखाते हैं कि —
👉 भगवान को पाने के लिए रूप नहीं, भावना चाहिए।
👉 वे साकार भी हैं और निराकार भी।
👉 उनके पास हाथ-पैर नहीं, फिर भी वे पूरी सृष्टि को थामे हुए हैं।
इसी भाव से हर साल रथ यात्रा निकलती है —
भगवान स्वयं अपने भक्तों के पास आते हैं।
🌼 संदेश
“ईश्वर जाति, रंग, रूप और सीमाओं से परे है —
वह केवल सच्चे हृदय में वास करता है।”
🚩 जय जगन्नाथ | जय जगन्नाथ | जय जगन्नाथ 🚩

image