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कहानी सिर्फ़ एक सफलता नहीं, संकल्प, संस्कार और साहस की मिसाल है 🇮🇳
पिता मेजर, दादा कर्नल… और बेटी बनी लेफ्टिनेंट — इतिहास रच दिया!
#हरियाणा के पंचकुला की #लेफ्टिनेंट #इनायत_वत्स ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो हालात कभी रास्ता नहीं रोक सकते। महज़ 3 साल की उम्र में पिता मेजर नवनीत वत्स को खोने के बावजूद इनायत ने हार नहीं मानी और अपने पिता के सपने को अपना लक्ष्य बना लिया।
#दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और हिंदू कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट #ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें हरियाणा सरकार की ओर से राजपत्रित पद का ऑफर भी मिला, लेकिन देशसेवा का जज़्बा इतना प्रबल था कि उन्होंने भारतीय सेना को ही अपनी मंज़िल चुना।
इनायत वत्स आज उन लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा हैं, जो सपने देखती हैं और उन्हें पूरा करने का साहस भी रखती हैं।
🇮🇳 सलाम है ऐसी बेटियों को, जो वर्दी पहनकर देश का मान बढ़ाती हैं।
🇮🇳 जय हिंद!
#lieutenantinayatvats

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