18 horas - Traducciones

साल 2006 —
एक भूखा, नंगा, बेबस बच्चा…
और सामने खड़ी एक औरत,
जिसने उस पल मुंह नहीं मोड़ा।
उसने सोचा होगा—
“अगर आज मदद नहीं की,
तो शायद कल बहुत देर हो जाएगी।”
2013 —
वही बच्चा,
अब मुस्कुराता हुआ,
पढ़ाई करता हुआ,
उम्मीद से भरी आँखों के साथ।
2025 —
वही बच्चा,
अब ग्रेजुएशन की टोपी पहने,
सीना चौड़ा करके खड़ा है।
👉 क्योंकि किसी ने कहा था—
“मैं सिर्फ आज नहीं,
पूरी ज़िंदगी साथ दूँगी।”
यही फर्क होता है
रहम और जिम्मेदारी में।
अगर आपको लगता है
दुनिया आज भी इंसानियत से जिंदा है—
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#humanitystillalive
#onekindact

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