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अशोक गहलोत सरकार का एक और महाघोटाला !

सीतापुरा रीको (RIICO) की 44,000 वर्गमीटर बहुमूल्य जमीन जिसकी बाज़ार कीमत लगभग 2200 करोड़ रुपये आँकी जा रही है, उसे महज़ लगभग 88 करोड़ रुपये में आवंटित कर दिया गया।

हैरानी की बात यह है कि यह पूरा कारनामा आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले अंजाम दिया गया।

इसके लिए
•नई फर्म रजिस्टर कराई गई,
•नई कंपनियाँ बनाई गईं,
•और जिन लोगों के पास पहले से ही लैंड बैंक मौजूद था,उन्हीं को यह बहुमूल्य सरकारी जमीन थमा दी गई।

सबसे गंभीर तथ्य यह है कि
यही समूह पहले भी इसी तरह जमीन का आवंटन करा चुका है।

इस पूरे खेल के मुख्य सूत्रधार बताए जा रहे हैं—
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजीव अरोड़ा,
जो स्वयं संबंधित कंपनी में प्रत्यक्ष रूप से साझेदार (सदस्य) बताए जाते हैं।

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में
अशोक गहलोत के महाघोटालों की परतें अब एक-एक कर खुलती जा रही हैं।

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