मार्गशी के भजन से शांति दूतों को दिक्कत क्यों?
और दिक्कत है तो पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाओ बे नमक हालामों 😡
ड्रग केस में आरोपी रहे इस्लामो-द्रविड़ियन विचारधारा से जुड़े फ़िल्म निर्देशक "अमीर सुल्तान" को अब तमिल संस्कृति के सबसे पवित्र महीने मार्गशी के भजनों से समस्या हो गई है।
वही मार्गशी, जिसमें पीढ़ियों से तमिल हिंदू समाज सुबह-सुबह भक्ति संगीत, सुप्रभातम और मंदिर परंपराओं के साथ दिन की शुरुआत करता आया है।
हिंदू आस्था और परंपराओं को बार-बार “नीचा दिखाने” बताने और दिखाने की हिम्मत कहाँ से आती है इन मुगल पुत्रों में ?
अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर हिंदू रीति-रिवाज़ों को निशाना बनाने की हिम्मत कहां से आ रही है ??
शायद इस लिए कि याद इंडी गठबंधन की सरकार है ??