छत्रपति शिवाजी महाराज को गुजरात के सूरत शहर में देखने वाले एक अंग्रेज ने लिखा कि "वे मंझले कद के आदमी थे, परन्तु उनका शरीर खूब गठीला था। उनके चलने-फिरने में गज़ब की तेजी और फुर्ती थी। मुंह पर हमेशा मुस्कुराहट दिखाई देती थी। दोनों आँखें बड़ी तेज थीं और चारों ओर घूमती रहती थीं।"
